डिजिटल लर्निंग के माध्यम से सीखने के बेहतर अनुभवों को सुविधाजनक बनाने का लक्ष्य

सरगुजा। सरगुजा में अदाणी फाउंडेशन द्वारा संचालित अदाणी विद्या मंदिर (एवीएम) ने आदिवासी छात्रों को उनके ग्रेड के अनुसार अनुकूलित सामग्री के साथ व्यक्तिगत टैबलेट प्रदान करके आधुनिक शिक्षा का अनुभव देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। कक्षा 4 से 10 के सभी 410 छात्रों के पास अपना टैबलेट होगा, जिससे वे इंटरनेट की आवश्यकता के बिना डिजिटल और अनुकूलित टैबलेट पर स्कूल के के बाद भी अपनी पढ़ाई जारी रख पाएंगे।

एवीएम सीबीएसई से संबद्ध एकसह-शैक्षिक, अंग्रेजी माध्यम स्कूल है और सरगुजा और उसके आसपास के बच्चों को शिक्षा प्रदान करता है, जिनमें से कई वंचित पृष्ठभूमि से आते हैं। उनमें से ज्यादातर पहली पीढ़ी के विद्यार्थी हैं, जिनके पास इंटरनेट, आधुनिक तकनीक और यहां तक​​​​कि सबसे मौलिक अकादमिक मदद तक नहीं पहुंच पाती है। स्कूल का उद्देश्य छात्रों को एक अनुकूल वातावरण और समर्पित प्रशिक्षण प्रदान करके उनकी पूरी क्षमता का एहसास कराने में सहायता करना है।

अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अदाणी ने कहा, “सरगुजा में अदानी विद्या मंदिर अत्यधिक दूर दराज़ में रहने वाले बच्चों की शिक्षा की जरूरतों को पूरा करता है। डिजिटल उपकरणों की उपलब्धता के साथ छात्रों को बेहतर शैक्षिक अनुभव के साथ-साथ अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने में आसानी होगी। अंतत: हमें उम्मीद है कि इन बच्चों की सफलता से उनके परिवार और समुदाय भी सशक्त होंगे।”

बच्चों को टेबलेट प्रदान करने के इस कार्यक्रम में क्षेत्र के कई विश्ष्ट नागरिक तथा अभिभावक भी सम्मिलित हुए। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के तौर पर श्री सिद्धार्थ सिंह देव – विधायक प्रतिनिधि – ने इसे सराहनीय प्रयास बताते हुए बच्चों का उत्साहवर्धन भी किया।

कक्षा दसवीं की क्षात्रा अनिश्मा पोर्ते ने बताया की टेबलेट के सहयोग विद्यार्थियों को अपने पाठ्यक्रम को पूरा करने में काफी योगदान मिलेगा। “इस टेबलेट के द्वारा हम लोग अपने पाठ्यक्रम को बेहतर तरीके से समझ पाएंगे। कई बार घर में पढाई करते हुए बहुत सारे प्रश्न इसलिए अनुत्तरित रह जाते हैं की उस समय मार्गदर्शन के लिए शिक्षक नहीं होते हैं और हमें अगले स्कूल जाने तक का इंतज़ार करना पड़ता था। अब ये समस्या नहीं आएगी।”

श्री बृजलाल दास जिनका पुत्र कक्षा नवमी में पढाई कर रहा है ने बताया, “हम लोग अदाणी विद्या मंदिर के शुक्रगुज़ार हैं की इन दूर दराज़ के इलाकों में हमारे बच्चों को उच्च शिक्षा से सम्बंधित सारी चीजें मुहैया कराई जा रही हैं। इस से ना सिर्फ हमारे परिवारों के बल्कि पुरे क्षेत्र के विकास में सराहनीय योगदान मिलेगा।”

सरगुजा में ये कदम ख़ास कर फायदेमंद है क्यूंकि आम तौर पर स्कूल एक दूरस्थ स्थान पर है जिसकी वजह से विद्यार्थी कोचिंग, ट्यूशन, ऑनलाइन कक्षाओं, विभिन्न मूल्यांकन तकनीकों और विशेषज्ञ मार्गदर्शन जैसे स्रोतों से वंचित रह जाते है। यह शिक्षकों के कौशल को भी बढ़ाएगा तथा साथ ही साथ शिक्षण और सीखने के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए स्कूल ने सात कक्षाओं को डिजिटल लर्निंग स्पेस में भी बदल दिया है। स्कूल में डिजिटलीकरण से अच्छी सामग्री मिलेगी और शिक्षकों के कौशल में वृद्धि होगी, जो छात्रों को उनके ज्ञान और सीखने के चरणों में सुधार लाने में फायदेमंद होगा। छात्रों को उनके सीखने और शैक्षणिक परिणामों को बढ़ाने में प्रसिद्ध ई-लर्निंग प्लेटफॉर्म बायजू द्वारा प्रदान की जाने वाली सहायता से अत्यधिक लाभ होगा।

सरगुजा छत्तीसगढ़ के सबसे पुराने जिलों में से एक है, जहां अनुसूचित जनजातियों की आबादी सबसे अधिक है। जिले की लगभग 58% भूमि वनों से आच्छादित है। कठिन भूगोल, खराब बुनियादी ढाँचा, और अविकसितता और गरीबी के उच्च स्तर कई चुनौतियाँ पेश करते हैं। अदाणी समूह के राज्य में प्रवेश से आदिवासी लोगों के जीवन में कुछ सामान्य स्थिति बहाल करने में मदद मिली है।

समूह की सीएसआर शाखा, अदाणी फाउंडेशन, राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के साथ शिक्षा, स्वास्थ्य, आजीविका संवर्धन और बुनियादी ढांचे के विकास के कई कार्यक्रम संचालित करती है। जो गुणवत्तायुक्त शिक्षा के लिए क्षेत्र में अदाणी विद्या मंदिर का संचालन गत नौ वर्षो से कर रहा है। जिसमें अंचल के आदिवासी छात्रों को न सिर्फ शिक्षा अपितु शिक्षण सामग्री जैसे कॉपी, किताब, गणवेश, स्कूल बैग, सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन भी मुफ्त में प्रदान करती है। जिससे इन छात्रों के व्यक्तित्व का समग्र विकास हो सके और वे देश की प्रगति में सहायक हो सकें।

कार्यक्रम के दौरान पीईकेबी माइंस के क्लस्टर हेड मनोज कुमार शाही भी उपस्थित थे। साथ ही राम द्विवेदी – क्लस्टर एच आर हेड, सत्येंद्र बघेल – ऐ वि पि बिज़नेस डेवलपमेंट, जयंत मोहंती – रीजन सी इस आर हेड, अदाणी फाउंडेशन, राजेश रंजन – सी इस आर हेड, अदाणी फाउंडेशन, सुरगुजा भी शामिल हुए।

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